Friday 31 July 2015

Mahatma A.P.J Abdul Kalam, महात्मा अब्दुल कलाम ,

मित्रों, 27 जुलाई 2015 का दिन हम सबके लिए एक दुखद सन्देश लेकर आया. वो महान व्यक्तित्व, जिनसे हमें प्रेरणा मिली, जिनसे कुछ कर गुजरने की सीख मिली, हमारे आदर्श व्यक्तियों के शीर्ष रहे डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम हमें हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए.. मिसाइल मैन के नाम से जाने वाले कलाम साहब ने कल इस दुनिया में आखिरी सांसें ली.

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (1931-2015)
पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का आदर्शमय जीवन, हम सभी के लिए हमेशा से प्रेरणास्पद रहा है, उनकी बातें नई दिशा दिखाने वाली हैं, उन्होंने करोड़ों आँखों को बड़े सपने देखना सिखाया है, वे कहते थे, “इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे। “
तो  चलिए  जानते है , इनके  बारे मैं कुछ  और :-
पूरा नाम :  अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम
जन्म तिथि :15 अक्टूबर 1931
जन्म स्थान : रामेश्वरम , तमिल नाडु  . 
अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तामिलनाडु के रामेश्वरम कस्बे के एक मध्‍यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता जैनुल आब्दीन नाविक थे। वे पाँच वख्त के नमाजी थे और दूसरों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते थे। कलाम की माता का नाम आशियम्मा था। वे एक धर्मपरायण और दयालु महिला थीं। सात भाई-बहनों वाले पविवार में कलाम सबसे छोटे थे, इसलिए उन्हें अपने माता-पिता का विशेष दुलार मिला। 
कलाम की हार्दिक इच्छा थी कि वे वायु सेना में भर्ती हों तथा देश की सेवा करें।  परन्तु  किसी  कारणवस  उनका ७ वां शतं आया ,और चुकी वहा सिर्फ ६ लोगो की ही गजह थी। तो उनका नाम नही आया जिस से उनको बहुत दुःख हुआ ,फिर जसे तैसे उन्होंने खुद को संभाला। और आगे बढे। 
डॉ0 कलाम के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब वे 1962 में 'भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन' (Indian Space Research Organisation-ISRO) से जुड़े। यहाँ पर उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया। उन्होंने अपने निर्देशन में उन्न(त संयोजित पदार्थों का विकास आरम्भ किया। उन्होंने त्रिवेंद्रम में स्पेस साइंस एण्ड टेक्नो‍लॉजी सेंटर (एस.एस.टी.सी.) में ‘फाइबर रिइनफोर्स्ड प्लास्टिक’ डिवीजन (Fibre Reinforced Plastics -FRP) की स्थापना की। इसके साथ ही साथ उन्होंने यहाँ पर आम आदमी से लेकर सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं की शुरूआत की। 
उन्हें ४० विश्वविद्यालयों से डॉ  की पदवी प्राप्त है। 
 अरूण तिवारी लिखित उनकी जीवनी 'विंग्स ऑफ़ फायर' (Wings of Fire) भारतीय युवाओं और बच्‍चों के बीच बेहद लोकप्रिय है
इस भारत रत्न के बारे मे जो लिखो काम है, जो कहो वो काम है। 
धन्यवाद .





Thursday 30 July 2015

माँ तु बड़ी प्यारी है। माँ तू बड़ी भोली है।

My mother was the most beautiful woman I ever saw. All I am I owe to my mother. I attribute all my success in life to the moral, intellectual and physical education I received from her.






माँ  ,ये शब्द ही ऐसा है , जिसमे पूरी दुनिया समायी हुई है। 
 ना  ही इसकी  व्याख्या  कर सकता है कोई, और ना ही कर पायेगा। 
  
और ना ही मेरे  पास कुछ  ऐसा है ,पर फिर भी शायद  मैं कोशिश कर रहा हुँ। 

वो कहते हैं ना माँ की  ममता  तो भगवान को भी चाहये।  वो भी इसकी ममता के लिए तरसता है। शायद  इसीलिए वो बार इस धरती पर अवतरित होता है , 
राक्षस को मारना तो बहाना  है. 

माँ अपने आप  मैं पूर्णतः  पूर्ण  शब्द है. 

चलिए आज  कोशिश   पाउँगा।  फिर से कोशिश करूँगा। 

जल्दी मिलते है। 
धन्वायद।   



किसी बच्चे ने अपनी माँ से पूछा है  माँ मुझे कब तक युही अपने कंधे पर सुलाओगी। 
तो जवाब माँ  ने दिया वो शायद   दे सकता है। 

माँ ने कहा बेटे तब  तक  सुलाऊँगी , जब तक लोग मुझे अपने कंधे पर ना उठा ले। 


किसी  ने  बहुत   प्यारा  कहा  है ..... ,


Jane kabse soya nahi hu main, sula do maa,
Aakar mere pas mujhe fir se loriya suna do na maa.
Ansoo meri ankho mein jam se gaye hain,
Bhar ke dil mera mujhe ab rulaa do na maa.
Bhuka hun main tere pyar bhare niwale ka,
Apne hatho se ek niwala khila do na maa.
Kaise kaise dard deke duniya rulane lagi h muje,
Aanchal me leke muje inse nijah dila do na maa.
Koi nai h mera ye ehsaas dilane lagi h duniya,
Thamkar hath apne hone ka ehsas dila do na maa.

Maa ki god,

Papa ki kaandhe ,

Aaj yaad aate hain ,

Bachpan ki woh lamhe,

Rote hue soo jana ,

Khud se baat karte hue Kho

jaana ,

Wo Maa ka aaawaz lagana ,

Aur khana apne haathon se

khilana,

Wo PAPA ka daant lagana ,

Apni zid puri karwane ke liye

nakhre

dikhana , Kya wo din the

bachpan ke suhaane ,

Kyun lagte hain sab aaj sab

begane…

Ab zid bhi apni…

Sapne bhi apne…

Kis se kahein kya chahiye……??

Manzilon ko dhoondte hue kahan

kho

gaye..??

.

.

.

.

.

KYUN HAM ITNE BADE HO GAYE…??






Wednesday 29 July 2015

If a country is to be corruption free and become a nation 

of beautiful minds, I strongly feel there are three key 

societal members who can make a difference. They are 

the father, the mother and the teacher.




                                                                                                                         
LATE - Dr. A.P.J ABDUL KALAM     the former President of India

Thursday 23 July 2015